Kaisa Hai Ye Ishq Tera
        कैसा है ये इश्क़ तेरा,
     भूल कर भी मे भूल नहीं पाया,
      किया यही इश्क़ है हमारा
   फ़ासला मीलों का है , क्यों फिर भी
        पास लगते हो तुम,
दूर जितना जाना चाहूं पास आजाते हो तुम क्यों
                                                  
 मैंने तो तुझे दिल से बहार निकाल फेका था,
  फिर क्यों मेरे खुवाबों मे आजाते हो तुम,
      जो दे न सके साथ हमारा,
   फिर क्यों आते हो खुवाबों मे तुम
      कैसा है ये तेरा इश्क़...
 दूर हो कर भी मेरे इश्क़ का इंतिहान लेते हो तुम,
         क्यों करते हो ऐसा ,
 क्यों आज भी मेरे खुवाबों मे आजाते हो तुम
 मेरे तक़लीफ़ से अगर खुशी मिलती है तुझे तो
       और तक़लीफ़ दे मुझे,
 मे उस नीले छतरी वाले से यही दुआ करता हूँ
   तेरी तक़लीफ़ भी मिल जाये मुझे
      कैसा है ये इश्क़ तेरा...
   रिश्ते तोड़े ही है,तो सारे रिश्ते तोड़े जा,
       क्यों मेरे खुवाबों है बासे हो,
          उसे भी छोड़ जा
      जब इतने वादे निभाए है,
       ये भी वादा निभाउंगा,
      सारे रिश्ते तोड जाउगा,
  पर ये नही पता तुझे कैसे भूलूँगा
       कैसा है ये इश्क़ तेरा
     किया यही है इश्क़ हमारा..