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LUNAWA SI ALSO FEMOUS FOR LAKSHMINARAYAN TEMPLE —Preceding unsigned comment added by 117.199.124.152 (talk) 08:14, 6 March 2010 (UTC)Reply

लुणावा परगना के ठाकुर राजपुरोहित मकवाणा .

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मकवाणा राजपुरोहित पहले वि.संवत १से ७ तक परमार राजा धुमराज की नगरी चद्रवती आबू के राजपुरोहित थे। इसके बाद वि. स.९ से १०८०संवत तक किराडूनगरी बाड़मेर के राजा धरणीवराह के राजपुरोहित रहे। उसके बाद वि.संवत ११ से वि.संवत १२५१ तक बकरा परगाने के राजपुरोहित रहे ।उसके बाद लुणावा गांव को ठाकुर लुणाजी मकवाना ने स्वतंत्र रूप से लुणावा गांव को अरावली की तलहटी मैं वि.संवत १२७२ मैं काटेस्वर मंदिर के दक्षिण दिशा मैं एक कोच की दूरी पर भीलों बेरी पहाड़ से नीचे उतरती पीपला नदी के किनारे पहली बार गांव को बसाया गया।और दुबारा इस गांव को पार्वती नदी के किनारे वि.संवत १४३२ मैं बसाया गया।इस गांव की जागिरि मेवाड के राजा मोकल ने ५०००जमीन और एक तलवार भेट की। और साथ मैं एक ताम्रपत्र प्रदान किया। Makvansa (talk) 21:59, 4 January 2023 (UTC)Reply