Talk:Haryana Police
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अनाथ बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए
editमेरा नाम मेघश्याम है मैं गढ़ी पट्टी तहसील होडल जिला पलवल का रहने वाला हूँ मेरे पिताजी का नाम स्व.श्री केशव देव है मेरी माताजी का नाम स्व.श्रीमती ममता है मेरी माता जी का देहांत 2003 में हुआ 2004 मे मेरे ताऊ-ताइ यानि कि (मौसा-मौसी) स्व॰ श्री हरप्रशाद व जगवती मुझे अपने पास गुरुग्राम ले कर आए उस समय ये किराये के मकान में रहते थे 2004 से 2008 तक का मेरी पढ़ाई का खर्चा मेरे पिताजी स्व॰ श्री केशव देव ने इन्हें दिया था 2008 मे मेरे पिता जी का देहांत हो गया उसके बाद मेरे दादा जी स्व॰ श्री नत्थीराम गांव से यहाँ रहने के लिए आ गए उसी समय गांव मे कुछ ज़मीन बिकी जो मेरे दादा जी स्व॰ श्री नत्थीराम ने बेची थी उसके पैसे दादा जी के पास आए। मेरे दादा जी स्व॰ श्री नत्थीराम जी के तीन पुत्र थे मेरे पिताजी स्व॰ श्री केशव देव, मेरे ताऊ जी स्व॰ श्री हरप्रशाद व चाचा जी स्व॰ लोकचन्द।मेरे दादा जी स्व॰ श्री नत्थीराम ने उन पैसों को तीन हिस्सों मे बांट दिया एक हिस्सा मेरे चाचा जी(स्व.श्री लोकचन्द)को दिया उस समय मेरे पिताजी नहीं थे और् उस समय मेरी उम्र 10 वर्ष थी मैं अपने ताऊ ताई जी ( स्व॰ हरप्रशाद व जगवती) के पास रहता था तो मेरे हिस्से कि ज़मीन के पैसे दादा जी ने मेरे ताऊ ताई जी को दे दिए, उन पैसों से कृष्णा कुंज गली नंबर 13 हाउस नंबर 1355 नया गांव गुरुग्राम मे इन्होने ज़मीन ली थी, जिसमें मेरा हिस्सा भी था किन्तु रजिस्ट्री खर्च बचाने के लिए प्लाट की रजिस्ट्री मेरी मौसी (जगवती) जी के नाम करा दी, उस समय मेरी आयु मात्र 10 वर्ष थी। मेरी सभी घरेलु सामान व देखरेख का हक मेरे दादा जी ने गांव पंचायत के सामने मेरे ताऊ जी स्व॰ हरप्रशाद को सौंप दिया क्योंकि उस समय मेरे ताऊ जी स्व॰ हरप्रशाद का व्यहवार सही था सन् 2014 मे मेरे दादा जी कि तबियत खराब रहने लगी उसी समय मेरे दादा जी को तहसील होडल मे ले जा कर मेरे ताऊ जी स्व॰ हरप्रशाद ने वसियत बनवा ली यह कह कर कि मेघश्याम पुत्र केशव को मैं अपने बड़े बेटे कि तरह रखूँगा यह बोलकर मेरे दादा जी को मना लिया सन् 2014 मे मेरे दादा जी का देहांत हो गया सन् 2016 मे मैं अपने ताऊ जी स्व॰ हरप्रशाद के साथ उनकी मोटर साईकिल पे बैठ कर पलवल जा रहे थे कि अचानक हमारा ऐक्सीडेंट हो गया उस ऐक्सीडेंट मे मेरे ताऊ जी स्व॰ हरप्रशाद का देहांत हो गया उसके बाद मेरी ताई जी जगवती मेरे साथ नौकरों वाला व्यव्हार करने लगी। कुछ समय बाद मेरा विवाह हुआ, उसके बाद मैंने कहा कि नया गांव स्थित हाऊस नंबर 1355 में मेरा हिस्सा मुझे दे दो तो उन्होंने मुझे मेरा हिस्सा देने से मना कर दिया। उल्टा मुझ पर तरह- तरह के निराधार झूठे आरोप लगा रही है। कि मेघश्याम ने मुझे और मेरे बेटे विष्णु को जान से मारने कि धमकी दी है और मेरे विरुद्ध मारुती कुंज भोंडसी गुरुग्राम पुलिस चौकी में झूठी शिकायत दे रही है।कि मेघश्याम अपने पास हथियार रखता है और उन्होंने यह भी झूठ लिखवाया है कि मुझे उन्होंने किराये पे रहने के लिए बुलाया था सर पुलिस वालोंं ने मुझे धमकी भरे स्वर मे बोलकर पुलिस चौकी बुलाया और झूटी कैम्पलेंट दिखाकर मुझे डराया और बोला कि तेरे पास इस प्लाट कि रजिस्ट्री नहीं है तू विष्णु और उसकी माताजी जगवती को जान से मारने कि धमकी देता है तुझे जेल मे डाल दूँगा ज्यादा चालाक् मत बन चुपचाप घर खाली कर दे और घर खाली करने कि मुझसे एप्लीकेशन लिखवाई कि मुझे 7 दिन के अंदर खाली करना होगा मैंने पुलिसमैन को अपनी सारी बात बताई लेकिन उन्होंने मेरी कुछ भी नहीं सुनी। सर मेरा इस समय एक छोटा सा बच्चा है। मेरी ताई जी जगवती इस समय अपनी मृत बेटी कि ससुराल में रहती है मेरे सभी कागज जैसे कि(आधार कार्ड, पेनकार्ड ,मार्कशीट,जमीनी कागज)व सभी पारिवारिक गहने - जेवर भी अपने साथ ले गई है। सर मैं अनाथ हूँ मैं ऐसी हालत मे कहा जाऊंगा सर कृपा करके मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र जांच के आदेश दें व सुनिश्चित करें कि भौंडसी पुलिस चौकी द्वारा मुझे आगे परेशान नहीं किया जाएगा। जांच पूरी कराकर मुझे नया गांव गुरुग्राम स्थित घर में मेरा अधिकार दिलवाएं। आपकी अति कृपा होगी। 2409:4050:DC3:939E:FD46:659C:311A:964B (talk) 17:17, 9 July 2022 (UTC)